Essay

आतंकवाद पर निबंध|आतंकवाद की विशेषताएँ|आतंकवाद के कारण|आतंकवाद के उद्देश्य

आतंकवाद पर निबंध|आतंकवाद की विशेषताएँ|आतंकवाद के कारण|आतंकवाद के उद्देश्य
आतंकवाद पर निबंध|आतंकवाद की विशेषताएँ|आतंकवाद के कारण|आतंकवाद के उद्देश्य

आतंकवाद पर निबंध|आतंकवाद की विशेषताएँ|आतंकवाद के कारण|आतंकवाद के उद्देश्य

आतंकवाद पर निबंध|आतंकवाद की विशेषताएँ|आतंकवाद के कारण|आतंकवाद के उद्देश्य -Hello Friends, wikimeinpedia.com पर आपका स्वागत है,आतंकवाद पर निबंध|आतंकवाद की विशेषताएँ|आतंकवाद के कारण|आतंकवाद के उद्देश्य (Essay on Terrorism in Hindi)

इसे भी पढ़ें…

आतंकवाद

आतंकवाद को सरल शब्दों में समझने की कोशिश करें तो ज्ञात होता है कि यह एक प्रकार से हिंसा की क्रिया है | शांति को अशांति में परिवर्तित करती है | यह अंतर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय दोनों प्रकार की हो सकती है |

आतंकवाद की विशेषताएँ

  1. यह राज्य या सरकार के विरोध में होता है |
  2. यह गैरकानूनी होता है |
  3. इसमें जनता को भयभीत या भयक्रान्त किया जाता है |
  4. यह आकस्मिक होता है |
  5. निर्दोष लोगो को लक्ष्य बनाया जाता है |
  6. यह अमानवीय कृत्य है |
  7. इसका उद्देश्य राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक होता है |
  8. यह बुद्धिसंगत विचार को समाप्त कर देता है |

आतंकवाद के उद्देश्य

  1. अपने उद्देश्य का प्रचार करना और जनता का अधिकाधिक समर्थन प्राप्त करना |
  2. अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए योवाओं को दिशा भ्रमित कर लालच देकर अपनी ओर आकर्षित करना |
  3. धमकी द्वारा अपनी बात मनवाना |
  4. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुचाना |
  5. विरोधियों और मुखबिरों को खत्म करना |
  6. शासन व सेना का मनोबल गिरना |
  7. देश की सुरक्षा व अखंडता को नुकसान पहुचाना |

आतंकवाद के कारण

  1. उपनिवेशवाद – आधुनिक आतंकवाद का जन्म प्राय: औपनिवेशिक प्रशासनों (देशों) में शासन द्वारा वर्षों तक अपनाई गयी दमनकारी गतिविधियों जिसे आतंकवादी गतिविधियां भी कहा जा सकता है और उसकी प्रतिक्रिया स्वरूप वह जन्में स्वतन्त्रता आंदोलनों को माना जाता है |
  2. राष्ट्रीयता की पहचान – स्वतंत्र राष्ट्र में कुछ विशेष जातीयता एवं धार्मिक समूह अपनी पहचान के लिए पृथक राष्ट्रों की मांग करने लगे जिसके लिए इन समूहों नें संगठित एवं सुनियोजिय आंदोलन प्रारम्भ किया | इस प्रकार के आतंकवाद युद्ध आजा भी श्रीलंका, चेचन्या (रूस), भारत इत्यादि देशों में जारी हैं |
  3. आतंकवाद गतिविधियों को राष्ट्र का प्रोत्साहन – आतंकवाद को बढ़ावा देने में कुछ राष्ट्र एवं देश अपने राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक हितों की वृद्धि के लिए रुचि लेते हैं तथा सुनियोजित तरीके से संघर्षरत गुटों को आतंकवादी गतिविघियों को करने के लिए प्रेरित एवं सहायता करते हैं |
  4. साधनों एवं संसाधनों कि कमी – यहा पर किसी देश के नागरिकों को यदि किसी प्रकार के साधन की आवश्यकता है तथा उन्हे उनकी पूर्ति हेतु उनके राष्ट्र द्वारा कोई भी उपयुक्त कदम नहीं उठाए जाते तो उनके देश के ही कुछ लोग राष्ट्र के खिलाफ हिंसा कि गतिविधियां करने लगते हैं यहाँ संसाधनों की मांग को पूरी करना उनका उद्देश हो जाता है |
  5. नीति – निर्धारकों की अवहेलना – राष्ट्रीय सरकारों द्वारा किसी जातीय विशेष या क्षेत्र विशेष की उपेक्षा करना भी है | राजनीतिक, आर्थिक, एवं नागरिक अधिकारों से उन्हें वंचित किए जाने पर उनमें कुंठा जन्म लेलेती है जो विद्रोह, हिंसा और अलगाववाद प्रवृति को जन्म देती है | उदाहरण में भारत के उत्तर पूर्व राज्य का आतंकवाद |
  6. संचार साधनों का विकास- सूचना तकनीक (इन्टरनेट, फैक्स, फोन, सैटेलाइट) एवं वैज्ञानिक अनुसन्धानों ने आतंकवाद को जन्म तो नहीं दिया लेकिन इसे सुगम बनाकर नयी दिशाएँ प्रदान की हैं आतंकवाद कि |
  7. शोषण और अन्याय कि प्रवित्ति –साम्राज्यवाद के द्वारा अविकसित और निर्धन देशों का शोषण किया गया यह भी अंतकवाद कि प्रवित्ति को बढ़ावा देकर आतंकवाद विकसित करता है |
  8. युवाओं में तीव्र असंतोष – बेरोजगारी, गरीबी, बीमारी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद आदि अनेक कारणों से महत्वाकांक्षी युवाओं में असंतोष है इसलिए यह तस्करी, नशीले पदार्थों का व्यापार और आतंकवाद से जुड़ जाता है |
  9. अवैध शस्त्र व्यापार – जब लोगो को अवैध रूप से शस्त्रों की प्राप्ति सरलता से होने लगती है टीबी भी आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है |
  10. आतंकवाद को विदेशी सहायता – विदेशी देशों या कंपनियों द्वारा जब देश के लोगो को आर्थिक, सामाजिक या और किसी प्रकार की सहायता प्राप्त होने लगती है तब इनके अंदर का असंतोष अपने देश या समाज के प्रति इनके अंदर आतंकवादीय प्रवित्ति को बढ़ावा देता है |
  11. भ्रष्टाचार – किसी देश के सरकारी पदों पे बैठे लोगों के अंदर भ्रष्टाचार कि प्रवित्ति जेबी बढ़ जाती है तो लोगो के अंदर असंतोष की भावना आतंकवाद को बढ़ती है |
  12. न्याय व्यवस्था में देरी – न्याय का ठीक प्रकार या सही समय पर न होना भी जनता में अपने देश तथा न्याय व्यवस्था से भरोसा खत्म करती जाती है जो अंत में आतंकवाद का कारण बनता है |
  13. दलीय राजनीति –राजनीतिक दल यहा ये दल सत्ता में आने के लिए या सत्ता में बने रहने के लिए वोटो के लालच में कुछ भी गलत से गलत काम करने को तैयार हो जाते हैं |
  14. अन्य कारण – गुप्तचर सेवाओं और प्रशासन की विफलता 2. नैतिक शिक्षा का अभाव 3. नैतिक मूल्यों में गिरावट आदि|

आशा करते हैं आपको ग्रामीण जीवन पर यह निबंध अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह निबंध अच्छा लगा हो तो इस आर्टिकल को अपने सोशल मीडिया पर ज़रूर शेयर करें।

 
दोस्तों अगर आपको किसी भी प्रकार का सवाल है या ebook की आपको आवश्यकता है तो आप निचे comment कर सकते है. आपको किसी परीक्षा की जानकारी चाहिए या किसी भी प्रकार का हेल्प चाहिए तो आप comment कर सकते है. हमारा post अगर आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ share करे और उनकी सहायता करे.

This image has an empty alt attribute; its file name is hkjl.png

You May Also Like This

अगर आप इसको शेयर करना चाहते हैं |आप इसे Facebook, WhatsApp पर शेयर कर सकते हैं | दोस्तों आपको हम 100 % सिलेक्शन की जानकारी प्रतिदिन देते रहेंगे | और नौकरी से जुड़ी विभिन्न परीक्षाओं की नोट्स प्रोवाइड कराते रहेंगे |

Disclaimerwikimeinpedia.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है ,तथा इस पर Books/Notes/PDF/and All Material का मालिक नही है, न ही बनाया न ही स्कैन किया है |हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे.

Leave a Comment