
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र
भौतिकी विज्ञान विषय की अच्छी तैयारी के लिए कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र यहाँ प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो भौतिकी विज्ञान विषय की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते है उन्हें अपनी तैयारी के लिए यहाँ किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर मिल जाएंगे। महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर की जानकारी किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक होती है। इस पेज में NCERT Book के यूनिट 9 – किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र के महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
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श्रोत: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद्
कक्षा: 12
विषय: भौतिकी विज्ञान
अध्याय: यूनिट 9 – किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान विषय के यूनिट 9 – किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर यहाँ प्राप्त करें।
बहुविकल्पी प्रश्न I (MCQ I)
9.1 किसी प्रिज्म के एक अपवर्तक फलक पर कोण θ बनाते हुए आपतित होने वाली एक प्रकाश किरण दूसरे फलक से अभिलम्बतः निर्गत होती है। यदि प्रिज्म का कोण 5° है तथा प्रिज्म 1.5 अपवर्तनांक के पदार्थ का बना है, तो आपतन कोण है
(a) 7.5°
(b) 5°
(c) 15°
(d) 2.5°
9.2 श्वेत प्रकाश का एक लघु स्पंद वायु से काँच के एक स्लैब पर लम्बवत आपतित होता है स्लैब से गुजरने के पश्चचात् सबसे पहले निर्गत होने वाला वर्ण होगा
(a) नीला
(b) हरा
(c) बैंगनी
(d) लाल
9.3 एक बिंब किसी अभिसारी लेंस के बाईं ओर से 5 m/s की एकसमान चाल से उपगमन करता है और फोकस पर जाकर रूक जाता है। प्रतिबिंब
(a) 5 m/s की एकसमान चाल से लेंस से दूर गति करता है।
(b) एकसमान त्वरण से लेंस से दूर गति करता है।
(c) असमान त्वरण से लेंस से दूर गति करता है।
(d) असमान त्वरण से लेंस की ओर गति करता है।
9.4 वायुयान में कोई यात्री
(a) कभी भी इन्द्रधनुष नहीं देख पाता है।
(b) प्राथमिक तथा द्वितीयक इन्द्रधनुष को संकेन्द्री वृत्तों के रूप में देख पाता है।
(c) प्राथमिक तथा द्वितीयक इन्द्रधनुष को संकेन्द्री आर्क के रूप में देख पाता है।
(d) कभी भी द्वितीयक इन्द्रधनुष नहीं देख पाता है।
9.5 आपको प्रकाश के चार स्रोत दिए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक से एकल वर्ण-लाल, नीला, हरा तथा पीला प्रकाश मिलता है। मान लीजिए पीले प्रकाश के एक किरण पुंज के लिए दो माध्यमों के अंतरापृष्ठ पर किसी विशेष आपतन कोण के लिए संगत अपवर्तन कोण 90° है। यदि आपतन कोण को परिवर्तित किए बगैर पीले प्रकाश स्रोत को दूसरे प्रकाश स्रोतों से बदल दिया जाए तो निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन सही है।
(a) लाल प्रकाश के किरण पुंज में पूर्ण आन्तरिक परावर्तन होगा।
(b) दूसरे माध्यम में अपवर्तित होने पर लाल प्रकाश का किरण पुंज अभिलंब की ओर मुड़ जाएगा।
(c) नीले प्रकाश के किरण पुंज में पूर्ण आन्तरिक परावर्तन होगा।
(d) दूसरे माध्यम में अपवर्तित होने पर हरे प्रकाश का किरण पुंज अभिलंब से दूर की ओर मुड़ जाएगा।
9.6 किसी समतल उत्तल लेंस के वक्र पृष्ठ की वक्रता त्रिज्या 20 cm है। यदि लेंस के पदार्थ का अपवर्तनांक 1.5 हो, तो यह
(a) उन बिंबों के लिए ही उत्तल लेंस की भाँति कार्य करेगा जो इसके वक्रित भाग की ओर स्थित हैं।
(b) वक्रित भाग की ओर स्थित बिंबों के लिए अवतल लेंस की भाँति कार्य करेगा।
(c) इस बात का ध्यान किए बिना कि बिंब इसके किस भाग की ओर स्थित है, उत्तल लेंस की भाँति कार्य करेगा।
(d) इस बात का ध्यान किए बिना कि बिंब इसके किस भाग की ओर स्थित है, अवतल लेंस की भाँति कार्य करेगा।
9.7 आयन मंडल (आयनोस्फियर) द्वारा रेडियो तरंगों के परावर्तन में सम्मिलित परिघटना
(a) समतल दर्पण द्वारा प्रकाश के परावर्तन के समान है।
(b) मरीचिका के समय वायु में होने वाले प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के समान है।
(c) इन्द्रधनुष के बनते समय जल के अणुओं द्वारा प्रकाश के परिक्षेपण (वर्ण-विक्षेपण) के समान है।
(d) वायु के कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के समान है।

9.8 किसी अवतल दर्पण पर अपतित किरण की दिशा PQ द्वारा दशाई गई है जबकि परावर्तन के पश्चात् जिन दिशाओं में यह किरण गमन कर सकती है वह 1, 2, 3 तथा 4 द्वारा चिह्नित चारों किरण (चित्र 9.1) द्वारा दर्शाई गई है। चारों किरणों में से कौन सी किरण परावर्तित किरण की दिशा को सही दर्शाती है।
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4
9.9 तारपीन का प्रकाशिक घनत्व जल से अधिक है जबकि इसका द्रव्यमान घनत्व जल से कम है। चित्र 9.2 में एक बर्तन में जल के ऊपर तारपीन की एक पर्त तैरती दर्शाई गई है। चित्र 9.2 में तारपीन के ऊपर आपतित चार किरणों में से किसका पथ सही दर्शाया गया है।
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4

9.10 एक सीधी सड़क पर कोई कार 60 km h⁻¹ की एकसमान चाल से गतिमान है। पश्च दृश्य दर्पण से देखने पर चालक पाता है कि उसका पीछा कर रही एक कार 100 m दूरी पर है तथा 5 km h⁻¹ की चाल से उसकी ओर आ रही है। पीछे आती हुई कार पर दृष्टि रखने के लिए चालक प्रत्येक 2s के पश्चात् अपनी कार के पश्च दृश्य तथा पार्श्व दर्पण में बारी-बारी से देखना प्रारम्भ करता है, जब तक कि दूसरी कार आगे नहीं निकल जाती। यदि दोनों कारें अपनी चालों को बनाए रखती हैं, तो निम्न कथन (कथनों) में से कौन सा/से कथन सही है।
(a) पीछे आती हुई कार की चाल 65 km h⁻¹ है।
(b) आगे चल रही कार के चालक को पार्श्व दृश्य दर्पण में पीछे की कार 5 km h⁻¹ की चाल से आती हुई प्रतीत होगी।
(c) जैसे-जैसे कारों के बीच दूरी घटती जाती है पश्च दृश्य दर्पण में, उनकी ओर आती हुई कार की चाल घटती हुई प्रतीत होती है।
(d) जैसे-जैसे कारों के बीच दूरी घटती जाती है पार्श्व दृश्य दर्पण में पास आती हुई कार की चाल बढ़ती हुई प्रतीत होती है।
9.11 प्रयोगशाला में कुछ ऐसे पदार्थ विकसित किए गए हैं जिनका अपवर्तनांक ऋणात्मक होता है (चित्र 9.3)। ऐसे माध्यम (माध्यम 2) में वायु (माध्यम 1) से अापतित एक किरण निम्न में से किस पथ का अनुगमन करेगी।

बहुविकल्पी प्रश्न II (MCQ II)
9.12 किसी समतल द्रोणी में लिए गए जल में डूबे एक विस्तरित बिंब पर विचार कीजिए। जब द्रोणी की कोर के समीप से देखा जाता है तो बिंब विकृत दिखाई देता है, क्योंकि

(a) कोर के निकटस्थ बिन्दुओं की आभासी गहराई कोर से दूरस्थ बिन्दुओं की तुलना में कम है।
(b) आँख पर बिंब के प्रतिबिंब द्वारा अंतरित कोण बिंब द्वारा वायु में अंतरित वास्तविक कोण से छोटा है।
(c) कोर से बहुत दूरस्थ बिंब के कुछ बिंदु पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण दिखाई नहीं देते।
(d) द्रोणी में जल एक लेंस की भाँति कार्य करता है और बिंब को आवर्धित करता है।
9.13 काँच के एक आयताकार गुटके ABCD का अपवर्तनांक 1.6 है। फलक AB (चित्र 9.4) के मध्य में एक पिन रखा गया है। फलक AD से प्रेक्षित करने पर यह पिन
(a) A के निकट प्रतीत होगा
(b) D के निकट प्रतीत होगा
(c) AD के मध्य में प्रतीत होगा
(d) बिलकुल दिखाई नहीं देगा
9.14 प्राथमिक तथा द्वितीयक इन्द्रधनुष के बीच एक अदीप्त पट्टी होती है जिसे अलैक्जेन्डर की अदीप्त पट्टी कहते हैं। ऐसा इसलिए है कि
(a) इस क्षेत्र में प्रकीर्णित प्रकाश में विनाशी व्यक्तिकरण होता है।
(b) इस क्षेत्र में प्रकाश प्रकीर्णित नहीं होता।
(c) इस क्षेत्र में प्रकाश अवशोषित हो जाता है।
(d) सूर्य के आपतित प्रकाश के सापेक्ष प्रकीर्णित किरणों द्वारा आँख पर बनाया गया कोण लगभग 42° और 50° के बीच होता है।
9.15 एक आवर्धक लेंस का प्रयोग इसलिए किया जाता है जिससे के देखे जाने वाले बिंब को सामान्य निकट बिंदु की अपेक्षा नेत्र के अधिक समीप लाया जा सके। इसके फलस्वरूप
(a) बिंब द्वारा नेत्र पर अंतरित कोण बड़ा होता है और इस प्रकार इसे अधिक विस्तार से देखा जाता है।
(b) आभासी सीधा प्रतिबिंब बनता है।
(c) दृष्टि क्षेत्र में वृद्धि होती है।
(d) निकट बिन्दु पर अन्नत आवर्धन होता है।
9.16 एक खगोलीय अपवर्ती दूरदर्शक के अभिदृश्यक की फोकस दूरी 20 m तथा नेत्रिका की फोकस दूरी 2 m है।
(a) दूरदर्शक की ट्यूब की लम्बाई 20.02 m है।
(b) आवर्धन क्षमता 1000 है।
(c) बना हुआ प्रतिबिंब उलटा है।
(d) बड़े द्वारक का अभिदृश्यक प्रतिबिंब की द्युति को बढ़ाएगा तथा वर्ण विपथन को कम करेगा।
अति लघुउत्तरीय (VSA)
9.17 क्या किसी लेंस की लाल प्रकाश के लिए फोकस दूरी नीले प्रकाश के लिए उसकी फोकस दूरी से अधिक होगी, समान होगी या कम होगी।
9.18 सामान्य व्यक्ति की निकट दृष्टि 25 cm है। किसी बिंब का कोणीय आवर्धन 10 प्राप्त करने के लिए सूक्ष्मदर्शी की क्षमता कितनी होनी चाहिए।
9.19 एक असममित पतला उभयोत्तल लेंस किसी बिंदु बिंब का प्रतिबिंब अपने अक्ष पर बनाता है यदि लेंस का पार्श्व परिवर्तन कर रखा जाए तो क्या प्रतिबिंब की स्थिति में परिवर्तन होगा।
9.20 d₁ > d₂ > d₃ घनत्वों तथा µ₁ > µ₂ > µ₃ अपवर्तनांकों के तीन अमिश्रणीय द्रवों को एक बीकर में रखा गया है। प्रत्येक द्रव के स्तंभ की ऊँचाई h/3 है। बीकर की पैंदी पर एक बिन्दु बनाया गया है। सामान्य निकट दृष्टि के लिए बिंदु की आभासी गहराई ज्ञात कीजिए।
9.21 किसी काँच के प्रिज्म (µ = √3) के लिए न्यूनतम विचलन कोण प्रिज्म-कोण के बराबर है। प्रिज्म-कोण का मान ज्ञात कीजिए।
लघुउत्तरीय (SA)
9.22 किसी अवतल दर्पण के मुख्य अक्ष के अनुदिश फोकस से दूर, L लम्बाई का एक छोटा बिंब रखा गया है। बिंब की दूरी v है। यदि दर्पण की फोकस f है तो प्रतिबंब की लम्बाई कितनी होगी। आप L <<|v – f| मान सकते हैं।

9.23 ‘R’ त्रिज्या की एक वृताकार डिस्क ‘a’ त्रिज्या के एक अपारदर्शी अर्धगोलीय कटोरे (बाउल) के अन्दर समाक्षतः तथा क्षैतिजतः रखी है (चित्र 9.5)। कटोर के कोर से देखने पर डिस्क का दूरस्थ छोर मात्र दिखाई देता है। कटोरे को µ अपवर्तनांक के पारदर्शी द्रव से भरने पर डिस्क के समीप का छोर भी दृष्टिसीमा में आ जाता है। डिस्क को कटोरे के ऊपरी किनारे से कितना नीचे रखा गया है।
9.24 25cm फोकस दूरी के एक पतले उत्तल लेंस को मुख्य अक्ष से 0.5 cm ऊपर दो भागों में काटा जाता है। ऊपरी भाग को (0.0) पर रखा गया है तथा एक बिंब को (–50 cm, 0) पर रखा गया है। प्रतिबिंब के निर्देशांक ज्ञात कीजिए।

9.25 अनेक प्रोयोगिक व्यवस्थापनों (सेट अप) में स्रोत तथा परदे को कुछ दूरी, (माना D) पर आबद्ध कर देते हैं तथा लेंस को चलायमान रखते हैं। दर्शाइए कि लेंस की दो स्थितियों के लिए परदे पर प्रतिबंब बनाया जा सकता है। इस बिन्दुओं (स्थितियों) के बीच की दूरी तथा इन दो बिन्दुओं के लिए प्रतिबिंब के साइजों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
9.26 h ऊँचाई के एक जार को µ अपवर्तनांक के एक पारदर्शी द्रव से भरा गया है (चित्र 9.6)। जार के केन्द्र में इसकी पैंदी पर एक बिन्दु बनाया गया है। उस डिस्क का न्यूनतम व्यास ज्ञात कीजिए जिसे जार के केन्द्र के इधर-ऊधर शीर्ष पृष्ठ पर सममिततः रखने पर बिन्दु अदृश्य हो जाए।
9.27 एक निकट दृष्टि दोषयुक्त व्यस्क का दूर बिंदु 0.1 m पर है। उसकी समंजन क्षमता 4 डाइऑप्टर है। (i) दूरस्थ वस्तुओं को देखने के लिए कितनी क्षमता के लेंसों की आवश्यकता है। (ii) बगैर चश्मे के साथ उसका निकट बिंदु कितना है। (iii) चश्मे के साथ उसका निकट बिंदु कितना है। (नेत्र के लेंस से दृष्टिपटल (रेटिना) तक प्रतिबिंब दूरी 2 cm लीजिए।)
दीर्घउत्तरीय (LA)
9.28 दर्शाइए कि अपवर्तनांक µ ≥ √2 के पदार्थ के लिए, किसी भी कोण पर आपतित प्रकाश आपतन फलक पर लम्ब के अनुदिश निर्देशित होंगे।
9.29 एक लम्बे ऊर्ध्वाधर स्तम्भ (अर्थात, क्षैतिज विमाएँ << ऊर्ध्वाधर विमाएँ) में शुद्ध द्रव तथा एक विलयन का मिश्रण विलेय कणों का विसरण उत्पन्न करता है और इस प्रकार ऊर्ध्वाधर विमाओं के अनुदिश अपवर्तनांक प्रवणता उत्पन्न होती है। इस स्तम्भ में ऊर्ध्वाधर के लम्बवत प्रवेश करने वाली प्रकाश किरण अपने मूल पथ से विचलित हो जाती है। क्षैतिज दूरी d << h चलने में विचलन को ज्ञात कीजिए। यहाँ h स्तंभ की ऊँचाई है।
9.30 यदि प्रकाश किसी स्थूल पिंड के पास से गुजरता है तो गुरुत्वीय अन्योन्य क्रिया के कराण किरण में बंकन होता है। ऐसा होने का कारण माध्यम के प्रभावी अपवर्तनांक में परिवर्तन को माना जा सकता है। यह परिवर्तन होगाः
n(r) = 1 + 2 GM/rc²
जहाँ r विचाराधीन बिन्दु की स्थूल पिंड के द्रव्यमान केन्द्र से दूरी है, G सार्वत्रिक गुरूत्वीय स्थिरांक है, M वस्तु का द्रव्यमान तथा c निर्वात में प्रकाश की चाल है। पिंड को गोलाकार मानते हुए किरण के अपने मूल पथ से विचलन को ज्ञात कीजिए जब यह पिंड से संस्पर्श करती हुई निकलती है।

9.31 त्रिज्या R का एक अत्यधिक लम्बा बेलन (सिलिन्डर) एक असाधारण असामान्य पदार्थ का बना है जिसका अपवर्तनांक -1 है (चित्र 9.7)। बेलन को दो तलों बीच रखा गया है जिनके अभिलम्ब y दिशा के अनुदिश है। बेलन का केन्द्र O, y- अक्ष के अनुदिश है। निचले तल से y दिशा के अनुदिश एक संकीर्ण लेजर किरण पुंज निर्देशित की जाती है। लेजर स्रोत y दिसा में व्यास से क्षैतिज दूरी x पर है। x का परास ज्ञात कीजिए जिससे कि निचले तल से निकलने वाला प्रकाश ऊपर के तल तक न पहुँच पाए।

9.32 (i) एक स्रोत (S) तथा एक प्रेक्षक (O) के बीच रखे एक लेंस पर विचार कीजिए (चित्र 9.8)। मान लीजिए लेंस की मोटाई w(b)=w₀ एक निचतांक हैं। फरमैट के सिद्धान्त (अर्थात किसी किरण के लिए स्रोत तथा प्रेक्षक के बीच पारगमन का समय चरममान होता है) का उपयोग करके शर्त ज्ञात कीजिए कि स्रोत से प्रारम्भ होने वाली सभी उपाक्षीय किरणें अक्ष के बिन्दु O पर अभिसरित होंगी। लेंस की फोकस दूरी भी ज्ञात कीजिए।
(ii) गुरूत्वीय लेंस को निम्नलिखित सूत्रानुसार बदलती हुई मोटाई का माना जा सकता हैः
w(b)=k₁ln (k₂/b) b min < b < b max
=k₁ln (k₂/b) b < b min
दर्शाइए कि कोई प्रेक्षक बिंदु-बिंब के प्रतिबंब को लेंस के केन्द्र के गिर्द एक वलय के रूप में देखेगा जिसकी कोणीय त्रिज्या होगी-
β = √ ( n – 1 ) k₁ u/v / u + v
कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र
यूनिट 9 – किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र के प्रश्नों के उत्तर यहाँ से प्राप्त करें
9.1 (a)
9.2 (d)
9.3 (c)
9.4 (b)
9.5 (c)
9.6 (c)
9.7 (b)
9.8 (b)
9.9 (b)
9.10 (c)
9.11 (a)
9.12 (a), (b), (c)
9.13 (d)
9.14 (a), (d)
9.15 (a), (b)
9.16 (a), (b), (c)
9.17 क्योंकि लाल प्रकाश के लिए अपवर्तनांक नीले के लिए अपवर्तनांक से कम है, इसलिए लेंस पर आपतित समान्तर प्रकाश पुंज लाल प्रकाश की अपेक्षा नीले प्रकाश की स्थिति में अक्ष की ओर अधिक मुड़ेगा। इसलिए लाल प्रकाश की अपेक्षा नीले प्रकाश के लिए फोकस दूरी कम होगी।




















इस पेज पर दिए गए कक्षा 12 भौतिकी विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर – किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र की सहायता से छात्रों की तैयारी अच्छे तरीके से हो सकती है। परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए और अपनी तैयारी सुदृढ़ तरीके से करने के लिए छात्र इस पेज पर दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तरों को देख सकते हैं।
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