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Panchayati Raj and Gramin Arthvyavastha by S Dharmaraj pdf Download

Panchayati Raj and Gramin Arthvyavastha
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Panchayati Raj and Gramin Arthvyavastha by S Dharmaraj pdf Download-Hello Friends, Welcome to wikimeinpedia.Com, दोस्तों जैसा की आप लोग जानते ही है की हम आपको प्रतिदिन कुछ नई study मटेरियल provides करते है |आज हम आपके लिए  Panchayati Raj and Gramin Arthvyavastha by S Dharmaraj  लेकर आयें है.यह book Education purposes से शेयर की गयी है, हम आपको Panchayati Raj and Gramin Arthvyavastha by S Dharmaraj  free of cost provide कर रहें है जिससे आपको पढाई करने में बिल्कुल भी problem ना हो  और Panchayati Raj and Gramin Arthvyavastha by S Dharmaraj  में आपको बड़े easly मिल जाये.

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Panchayati Raj and Gramin Arthvyavastha by S Dharmaraj

Panchayti Raj पंचायती राज व्यवस्था आज से नहीं बहुत ही पुरानी व्यवस्था है जिसे आप यह भी कह सकते हैं कि यह व्यवस्था हमें विरासत में मिली है। लेकिन सवाल ये आता है कि हमें Panchayti Raj पंचायती राज के बारे में जानने की जरुरत क्यों है ? तो हम आपको पहले ही बता दें की बहुत सारे Competitive Exams में Panchayti Raj पंचायती राज से सम्बंधित प्रश्न पूछे जा चुके है और निरन्तत पूछे जाते हैं इसलिए आपके लिए Panchayti Raj से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी को जानना जरुरी हो जाता है जिससे आप Exams में Qualify कर सकते हैं।

सबसे पहले हम बात कर लेते हैं कि पंचायती राज किन जगहों पर लागू होता है तो ग्राम, तालुका और जिला यह सबसे मुख्य जगह है जहाँ पर पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया जाता है। भारत में प्राचीन काल से ही पंचायती राज व्यवस्था का अस्तित्व रहा है और भारत में सबसे पहले हमारे तत्कालीन प्रधानमंत्री प. जवाहरलाल नेहरू द्वारा इसे लागू किया गया था।

जिसमे सबसे पहले प. जवाहरलाल नेहरू जी ने इस व्यवस्था को राजस्थान के नागौर जिले के बगदरी गावँ में सन 2 October 1959 ई. को लागू किया था जिससे बाद यह हमारे सम्पूर्ण भारत में फैल गयी जिसे आप कह सकते हैं की इस व्यवस्था को सम्पूर्ण भारत में लागू कर दिया गया था।

Panchayati Raj and Gramin Arthvyavastha by S Dharmaraj

सर्वप्रथम 24 April 1993 में संविधान के 73वां संसोधन अधिनियम 1992 के माध्यम से Panchayti Raj पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा हासिल हुआ था। और हमारे महात्मा गाँधी के ग्राम स्वराज स्वप्न को वास्तविकता में बदलने की दिशा में कदम बढ़ाया गया था।

इसके बाद 73वें संशोधन अधिनियम 1993 में बहुत सारे संशोधन किये गए हैं जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं :

  • सबसे महत्वपूर्ण सुधार जो की गया वो था एक त्रि-स्तरीय ढांचे की स्थापना जैसे (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या मध्यवर्ती पंचायत और तीसरा जिला पंचायत).
  • ग्राम स्तर पर ग्राम सभा की स्थापना
  • साथ ही हर पांच साल में पंचायतों के नियमित चुनाव
  • जहाँ पर अनुसूचित जातियों जनजातियों को के लिए उनके संख्या (जनसँख्या) के अनुपात में सीटों को आरक्षण प्राप्त था।
  • महिलाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया और उनके लिए एक तिहाई सीटों का आरक्षण प्रदान किया गया है।
  • पंचायतों की निधियों में सुधार के लिए उपाय सुझाने हेतु राज्य वित्ता आयोग का गठन किया गया था।
  • राज्य चुनाव आयोग का गठन किया गया था।
  • इस प्रकार कुछ मथावपूर्ण संशोधन किये गए जिससे Panchayti Raj पंचायती राज को दृढ़ता मिल सकें और कानून का पालन किया जा सके जिससे सभी लोगों का कल्याण हो सकता है।

Panchayati Raj System in India

 

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