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Rajasthan Kuldevi ( राजस्थान की कुलदेवी ) Kul devi of Rajasthan in Hindi

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Rajasthan Kuldevi ( राजस्थान की कुलदेवी ) Kul devi of Rajasthan in Hindi

Rajasthan Kuldevi ( राजस्थान की कुलदेवी ) Kul devi of Rajasthan in HindiHello Friends, Welcome to wikimeinpedia.com, दोस्तों जैसा की आप लोग जानते ही है की हम आपको प्रतिदिन कुछ नई study मटेरियल provides करते है |इस पोस्ट से आप राजस्थान की लोक देवियाँ –Rajasthan Kuldevi ( राजस्थान की कुलदेवी ) Kul devi of Rajasthan in Hindi को Step by Step आसानी से पढ़कर याद कर सकते हैं

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Rajasthan Kuldevi ( राजस्थान की कुलदेवी )

राजस्थान के जनमानस में शक्ति की प्रतीक के रूप में लोक देवियों के प्रति अटूट श्रद्धा, विश्वास और आस्था है । साधारण परिवारों की इन कन्याओं ने कल्याणकारी कार्य किए और अलौकिक चमत्कारो से जनसाधारण के दु:खो को दूर किया । इसी से जन सामान्य ने लोक देवियों के पद पर प्रतिष्ठित किया ।राजस्थान की प्रमुख लोक देवीयाँ निम्न है-

करणी माता ( Karni Mata )

देशनोक(बीकानेर)

बीकानेर के राठौड़ शासकों की कुलदेवी करणी जी “चूहों वाली देवी” के नाम से विख्यात है । इनके आशीर्वाद से ही राव बीका ने बीकानेर राज्य की स्थापना की थी । इनका जन्म सूआप गांव में चारण जाति के श्री मेंहा जी के घर हुआ था ।

देशनोक स्थित इनके मंदिर में बड़ी संख्या में चूहे हैं जो “करणी जी की काबे” कहलाते हैं । यहां के सफेद चूहे के दर्शन करणी जी के दर्शन माने जाते हैं । करणी जी का मंदिर “मठ” कहलाता है । करणजी देवी का एक रुप से ‘सफेद चील’ भी है ।

करणी जी की इष्ट देवी “तेमड़ा” है । करणी जी के मंदिर के पास तेमड़ा राय देवि मंदिर भी है । करणी माता के मंदिर से कुछ दूर नेहड़ी नामक दर्शनीय स्थल है ,जंहा करनी जी देवी सर्प्रथम रही है ।

शीतला माता ( Shitala Mata )

चाकसू ( जयपुर )

चेतक की देवी के रुप में प्रसिद्ध शीतला माता के अन्य नाम सेढ़ल माता या महामाई है । चाकसू स्थित माता के इस मंदिर का निर्माण जयपुर के महाराजा श्री माधोसिंह जी ने करवाया था ।

होली की पश्चात चैत्र कृष्ण अष्टमी को इनकी वार्षिक पूजा होती है । एंव चाकसू के मंदिर पर विशाल मेला भरता है । इस दिन लोग बास्योड़ा मनाते हैं अर्थात रात का बनाया ठंडा भोजन खाते हैं । शीतला माता की सवारी गधा है ।

बच्चों की संरक्षिका देवी है तथा बांध स्त्रियां संतान प्राप्ति हेतु भी इसकी पूजा करती है । प्रायः जांटी (खेजड़ी ) को शीतला मानकर पूजा की जाती है । शीतला देवी की पूजा खंडित प्रतिमा के रूप में की जाती है तथा इसके पुजारी कुम्हार जाति के लोग होते हैं ।

जीण माता ( Jeen Mata Sikar )

जीण माता का मंदिर सीकर जिले से 15 किलोमीटर दक्षिण में रेवासा नामक गांव के पास तीन छोटी पहाड़ीयों के मध्य स्थित है । यह चौहान वंश की कुलदेवी है  इस मंदिर में जीण माता की अष्टभुजी प्रतिमा है । 

कहां जाता है कि जीण(धंध राय की पुत्री ) तथा हर्ष दोनों भाई बहिन थे । जीण आजीवन ब्रम्हचारिणी रही और तपस्या के बल पर देवी बन गयी यहां चैत्र व आसोज के महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी को मेले भरते हैं ।

राजस्थानी लोक साहित्य में इस देवी का गीत सबसे लंबा है इस गीत को कनपटी जोगी केसरिया कपड़े पहन कर ,माथे पर सिंदूर लगाकर ,डमरु एंव सारंगी पर गाते हैं । यह करुण रस से ओत प्रोत हैं । जीणमाता के मंदिर का निर्माण पृथ्वीराज चौहान प्रथम के शासनकाल में राजा हट्टड़ द्वारा करवाया गया ।

केला देवी करोली ( Kaila Devi Karauli )

यह करोली के यादव वंश की कुल देवी है । केला देवी का मंदिर करोली के पास त्रिकुट पर्वत में त्रिकुट की घाटी में स्थित है । इनके भगत इनकी आराधना में प्रसिद्ध “लांगुरिया गीत” गाते हैं ।

नवरात्रा में इनका विशाल लक्खी मेला भरता है । देवी के मंदिर के सामने बोहरा की छतरी है । मान्यता है कि कंस वासुदेव और देवकी की जिस कन्या संतान को शीला पर पटक कर मारना चाहा था वही नवजात कन्या योगमाया से त्रिकुट पर्वत पर केला देवी बनकर प्रकट हुई ।

इनका मेला प्रतिवर्ष चैत्र मास की शुक्ला अष्टमी को भरता है ।

राणी सती / नारायणी माता ( Narayani Mata  )

अग्रवाल जाति की राणी सती का वास्तविक नाम नारायणी था । अपने पति की चिता पर प्राणोंत्सर्ग कर देने वाली सतियो की भी देवियों की तरह पूजा होती है झुंझुनूं की राणी सती पूरे प्रदेश में पूजी जाती है इनका विवाह तनधन दास से हुआ था।

झुंझुनूं में प्रतिवर्ष भाद्रपद कृष्णा अमावस्या को राणी सती का मेला भरता है अब प्रदेश में सती पूजन एवं महिमा मंडन पर रोक लगा दी गयी है इन्हें “दादी जी” भी कहा जाता है। यह चण्डिका के रूप में पूजी जाती है राणी सती के परिवार में 13 स्त्रियां सती हुई है

आई माता ( Aai mata )

बिलाड़ा (जोधपुर)

सिरवी जाति के लोगो की कुल देवी । 

Other Important Rajasthan Kuldevi – 

  • आवड़ माता/हिंगलाज माता, जैसलमेर:-जैसलमेर में भाटी राजवंश की कुल देवी
  • आशापुरी माता/मोदरां माता, जालौर:-जालौर के सोनगरा चौहान शासकों की कुल देवी
  • सकराय माता,सीकर:-खण्डेलवालो कि कुल देवी
  • सच्चिया माता, जोधपुर:-ओसवालों की कुल देवी
  • राणासण देवी,मेवाड़:-राष्ट्रश्येना देवी को अपभ्रंश में राणासण देवी कहा जाता है ।
  •  सुंधामाता ,जालोर
  • सुराणा देवी ,नागौर
  • स्वांगियाजी आईनाथ जी माता, जैसलमेर
  • सुगाली माता ,आउवा (पाली):- आउवा के ठाकुरों( चंपावतो) की कुलदेवी सुगाली माता का मंदिर आउवा(पाली ) सन 1857 की क्रांति का मुख्य केंद्र रहा । इसके 54 भुजाएं तथा 10 सिर है ।
  • ब्राह्मणी माता, बारां:-विश्व मे एकमात्र देवी जंहा देवी की पीठ की ही पूजा होती है ।यंहा माघ शुक्ला सप्तमी को गधो का मेला भी लगता है ।
  • जिलाणी माता ,अलवर
  • नारायणी माता, राजगढ़ (अलवर)
  • शिला देवी(अन्नपूर्णा),आमेर:-कछवाहा राजवंश की कुल देवी ।
  • अम्बिका माता, जगत(उदयपुर):-“मेवाड़ का खजुराहो” कहलाता है ।
  • घेवर माता, राजसमंद ।

अन्य प्रमुख कुल देवियां

  • ऊँटा माता जोधपुर क्षेत्र की है ।
  • भांवल माता मेड़ता (नागौर) क्षेत्र की है ।
  • इन्दर माता इन्दरगढ़ (बूंदी) क्षेत्र की है ।
  • ब्राह्मणी माता कुम्हारों की कुलदेवी है ।
  • खोडियान देवी खोड़ाल लोंगीवाला (जैसलमेर) की है ।
  • अधर देवी माउण्ट आबू (सिरोही) की है ।
  • चारभुजा माता खमनौर (जोधपुर) क्षेत्र की है ।
  • मंशा देवी चूरू जिले की है ।
  • सच्चिका माता आर्णियां (नागौर) की है ।
  • छींछ माता बांसवाडा की है ।
  • बिखड़ा माता चित्तौड़ दुर्ग (चित्तौड़गढ़) की है ।
  • खीमल माता बसंतगढ़ सिरोही की है ।
  • कैंवाय माता किणसदिया (परबतसर-नागौर) की है ।
  • खोडियाल माता लोंगेवाला (जैसलमेर) की है ।
  • लोंगेवाला चेकपोस्ट पर जे पी दत्ता ने बॉर्डर फिल्म बनाईं थी । देवी के गीत व मंत्र इत्यादि ‘चिरजा’ कहलाते है ।
  • गले में बांधी जाने वाली देवी की प्रतिकृति ‘नावा’ कहलाती है । अलौकिक शक्ति के द्वारा किसी कार्य को करना अथवा करवा देना पर्चा देना (शक्ति का परिचय) कहलाता है ।

रोग निवारण लोक देवियां – छींक माता, आवरी माता, सती माता ।
तिथियों की लोकदेवियां – चौथ माता, छठमाता, दशा माता ।

राज्य के अन्य प्रमुख जातियों की कुल देवियाँ

माता  

जिला

प्रमुख समाज और जातियां

करणी माता 

देशनोक बीकानेर 

चारणों की कुल देवी

तनोट माता

जैसलमेर  

सैनिकों की कुल देवी

चौथ माता

चौथ का बरवाड़ा

कंजर समाज की कुल देवी

नारायणी माता

अलवर 

सैन समाज की कुल देवी

शीतला माता

चाकसू 

बच्चों की माता

सिकराय माता

झुंझुनूं

खण्डेलवालों की कुल देवी

दधि माता

नागौर

दाधिच ब्राह्मण समाज की कुल देवी

आईं माता

बिलाड़ा

सिरवी जाति की कुल देवी

सच्चिया माता

ओसियां

ओसवाल समाज की कुल देवी

सुगाली माता

पाली

आउवा के ठाकुरों की कुल देवी

 

राजस्थान की अन्य प्रमुख लोकदेवियां


नाम                         स्थान

  1. परमेश्वरी माता       कोलायत (बीकानेर) 
  2. मालण माता         जानरा गांव (जैसलमेर) 
  3. नभडूंगर राय       धोलिया (जैसलमेर) 
  4. अन्नपूर्णा माता       उदयपुर
  5. जगत माता          दांतेसर  (उदयपुर)
  6. अम्बा माता         उदयपुर
  7. आसपुरी माता    आसपुरा डूंगरपुर
  8. त्रिपुरा सुन्दरी      तलवाडा  (बांसवाड़ा)
  9. भँवर माता          छोटी सादडी  (प्रतापगढ़)
  10. मरमी माता         राशमी चित्तौड़
  11. हिचकी माता     सनवाड़ भीलवाड़ा
  12. डाढ़ देवी          लाडपुरा कोटा
  13. फलौदी माता    खेराबाद कोटा
  14. दूध्या खेडी माताजी   कनवास कोटा
  15. खोरडी माता      करौली
  16. छींक माता        जयपुर
  17. महामाई माता   रैनवाल
  18. काली माता       चुरू
  19. मनसा देवी माता   चुरू
  20. भावल माता         भावल गांव नागौर
  21. पांडवराय माता    मेडता रोड नागौर
  22. सती बालाजी       बिलाड़ा जोधपुर
  23. पीपाड़ माता       ओसियां  (जोधपुर)
  24. घाटा रानी           सावर अजमेर
  25. चैना माता          भजनेरी बूंदी
  26. रक्तदंतिका माता   संथूर बूंदी

राजस्थान के प्रमुख राजवंशों की कुल देवियां

माता

जिला

 

प्रमुख राजवंश

करणी माता

बीकानेर

बीकानेर के राठौड़ों की कुलदेवी

 

ज्वाला माता

जोबनेर

जयपुर खंगारोत की कुलदेवी कीकुलदेवी

 

अंजनाकेला देवी

करौली

यादव राज वंश की कुलदेवी

 

जीण माता

सीकर

चौहानों की आराध्य देवी

 

शाकंभरी माता

सांभर जयपुर

शाकंभरी के चौहानों कीकुलदेवी

 

जमुआ माता

जयपुर

कछवाहा राजवंश की आराध्यदेवी

 

शिला माता

जयपुर

कछवाहा राजवंश की आराध्यदेवी

 

स्वांगिया माता

जैसलमेर

भाटी राजवंश की कुलदेवी

 

राजेश्वरी माता

भरतपुर

भरतपुर जाट वंश की कुलदेवी

 

नागणेची माता

जोधपुर

जोधपुर के राठौड़ों की कुलदेवी

 

आशापुरी माता

जालौर

जालौर के सोनगरा चौहानों कीकुलदेवी

 

बाण माता

उदयपुर

सिसोदिया राजवंश की कुलदेवी

 

चामुंडा माता

मंडोर जोधपुर

गुर्जर प्रतिहार राजवंश कीकुलदेवी और जोधपुर के राठौड़राजवंश की आराध्य देवी

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