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उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ | uttar pradesh ki pramukh nadiyan

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उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ | uttar pradesh ki pramukh nadiyan

उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ | uttar pradesh ki pramukh nadiyan in Hindi :- -Hello Friends, wikimeinpedia.com पर आपका स्वागत है,आज के इस पोस्ट मे हम आप लोगो के लिए लेकर आए है  उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियाँ | uttar pradesh ki pramukh nadiyan इस नोट्स मे आपको नदियों की पूरी जानकारी हिंदी में मिलेगी ! Students ध्यान दे यह Notes UPSC, PCS, SSC,  RO/ARO समीक्षा अधिकारी, Railway, SSC, Bank तथा अन्य समस्त प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए महत्वपूर्ण है !

uttar pradesh ki pramukh nadiyan

प्रदेश का उत्तरी एवं पश्चिमी भाग ऊंचा है हिमालय पर पर्याप्त जल स्रोत है अतः प्रदेश की अधिकांश नदियों का प्रभाव उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूर्व की ओर है। उद्गम स्थल के आधार पर प्रदेश की नदियों को तीन प्रकार से विभाजित किया जाता है:-

  1. हिमालय से निकलने वाली नदियाँ जैसे – गँगा, यमुना रामगंगा काली गंडक सरयू आदि इन नदियों में वर्ष भर जल बना रहता है।
  2. प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में स्थित झीलों एवं दलदलों से निकलने वाले नदियां:- जैसे गोमती,वरुणा, पांडो, ईसन आदि। इन नदियोँ में गर्मी में जल का काफी कम हो जाता है लेकिन सूखती नहीँ।
  3. प्रदेश की दक्षिण में स्थित पठारों तथा विंध्य श्रेणियों से निकालने वाली नदियां जैसे:- सोन,रिहंद,टोंस, केन, चंबल, बेतवा आदि। इन नदियों में ग्रीष्म ऋतु में प्रायः जल का अभाव हो जाता है और अधिकांशता हां सूख भी जाती हैं।

उत्तर प्रदेश मे नदी तंत्र?

गंगा:-

यह उत्तरी भारत के सबसे प्रमुख व हिन्दुओ की पवित्र धार्मिक नदी है गंगा को सुरसरि ,भागीरथी,पदमा, देवनदी,जान्हवी आसी नमो से जाना जाता है।

  • भागीरथी का उद्गम उत्तराखंड के केदारनाथ के समीप स्तिथि गंगोत्री ग्लेशियर के गुमुख नामक स्थान से होता है
  • उत्तराखंड में बहती हुई गंगा उत्तर प्रदेश में सर्वप्रथम बिजनौर जिले में प्रवेश करती है और राज्य में बहते हुए इसमें बाई ओर से रामगंगा ,गोमती,घाघरा, आदि नदिया तथा दाई ओर से यमुना,टोंस, चंद्रप्रभा,कर्मनाशा,आदि नदिया मिलती है।
  • रामगंगा कनौज के निकट, गोमती गाजीपुर के निकट, यमुना इलाहाबाद में, टोंस सिरसा के निकट, गंगा में मिलती है

यमुना:-
यह गंगा नदी क्रम की सबसे महत्वपूर्ण नदी है इसका उद्गम बंदर पूछ के पश्चिमी ढल पर स्तिथि यमुनोत्री हिमनद(उत्तरकाशी) है जो उत्तरकाशी के गर्म श्रोत से 8 किमी उत्तर स्तिथि है प्रदेश में इसका प्रवेश सहारनपुर के फैजाबाद नामक स्थान पर होता है

इनमे दाहिनी ओर से औरैया के मुराद गंज (पंचनंदा) के पास चम्बल ,हमीरपुर के पास बेतवा,जालौन के जमनपुर के निकट सिंधु,बाँदा के पैलानी व भजोह के निकट केन आदि नदियां तथा बाई ओर से नोएडा के पास हिंडन नदी मिलती है। यह बृहत चाप के आकार में बहती हुई प्रदेश के 19 जिलों (प्रयाग) इलाहाबाद में मिल जाती है इसकी लम्बी 1376 किमी है।

प.रामगंगा:-
यह पौढ़ी जिले के दूधातोली पर्वत के जलागम क्षत्र से निकलती है कालागढ़ किले के निकट मैदानों में उतरती है मैदानी यात्रा के 24 किमी के उपरांत कोह नदी इससे मिलती है यह नदी 690 किमी बहने के उपरांत कन्नौज के निकट गंगा में मिल जाती है।

काली(शारदा):-
काली नदी उत्तरखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्तिथि कालापानी नामक स्थान से तथा गौरी गंगा मिलम हिमनद से निकलती है टनकपुर के बाद इसे शारदा के नाम से जाना जाता है प्रदेश में सर्वप्रथम पीलीभीत जिले में प्रवेश करती है सीतापुर के बसरा या बहरामघट के निकट पहुचकर यह करनाली(घाघरा नदी) से मिल जाती है।

घाघरा (करनाली)
इस नदी का उद्गम तिब्बत के पठार पर स्तिथि मापचा चुंगो हिमनद से होता है यह नदी पर्वतीय प्रदेश से करनाली और मैदानी प्रदेश में घाघरा कहलाती है इसकी कुल लंबाई 1080 किमी है

राप्ती:-
राप्ती नेपाल के रुकुमकोट के समीप से निकलती है उत्तरी वहज में इसकी एक मुख्य शाखा बूढ़ी राप्ती के नाम से जानी जाती है इसकी मुख्य सहायक नदी रोहिणी है इसकी कुल लम्बाई 640 किमी है

गोमती:-गोमती एक स्थलीय नदी है जिसका उद्गम स्थान पीलीभीत का दलदली क्षेत्र है पीलीभीत से यह शाहजहापुर , खीरी, सीतापुर, लखनऊ, सुल्तानपुर, एवं जौनपुर आदि जिलों में बहती है गाजीपुर के निकट कैथी नामक स्थान पर गंगा नदी में मिल जाती है इसकी लम्बाई 940 किमी है।

गण्डक:-
यह नेपाल में सलिग्रामी तथा मैदानमे नारायणी कहलाती है गोल व चिकने सालिगराम पत्थर बहकर लाने के कारण यह नाम दिया गया। इसकी दो प्रमुख सहायक नदियां पश्चिम में काली व पूर्व में त्रिशूल गंगा है इसकी लम्बाई 425 किमी है

चम्बल:-
चम्बल का उद्गम मध्य्प्रदेश में इंदौर के पास महू के निकट स्तिथि जनपव पहाड़ी से हुआ है। इटावा से लगभग 40 किमी दूर पंचनंदा स्थान पर यमुना में मिल जाती है। इसकी कुल लम्बाई 1050 किमी है

बेतवा:-
इस नदी को संस्कृत में वेत्रवती कहा जाता है यह मध्यप्रदेश में भोपाल के दक्षिण पश्चिम से निकलकर भोपाल,ग्वालियर,ललितपुर,जालौन से होती है इस लम्बाई 480 किमी है।

टोंस:- (तमसा)
इसका उद्गम मैहर के निकट तमसा कुंड से होता है इसके मार्ग में कई सुंदर जल प्रपात है इसकी कुल लम्बाई 265 किमी है

केन:-
केन को संस्कृत में कर्णवती कहा जाता है।इसका उद्गम कैमुर पहाड़ियों के उत्तरी ढल है इस नदी की कुल लम्बाई 308 किमी है।

सोन:-
इसे स्वर्ण नदी भी कहा जाता है यह अमरकंटक पहाड़ी के शोषकुण्ड नामक स्थान से निकलकर पूर्व की मध्यप्रदेश में बहने के बाद उत्तर प्रदेश के सोन भद्र में बहती है इसकी लम्बाई 780 किमी है।

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